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पिग्मी जनजाति: निवास क्षेत्र, अर्थव्यवस्था, समाज और संस्कृति | Pygmy Janjati In Hindi

दोस्तों, आज के लेख में हम बात करने वाले है कांगो बेसिन की पिग्मी जनजाति (Pygmy Janjati In Hindi) के बारे में। Pygmy Janjati विश्व की प्रमुख जनजातियों में से एक है, इसलिए इस लेख में इस जनजाति के सभी पक्षों यथा निवास क्षेत्र, प्रजातीय लक्षण, अर्थव्यवस्था, समाज और संस्कृति आदि के बारे में पूरी जानकारी दी गई है। 

Pygmy Janjati In Hindi
Pygmy Janjati In Hindi

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कांगो बेसिन की पिग्मी जनजाति - Pygmy Janjati In Hindi

पिग्मी जनजाति को 'नीग्रीटो' के नाम से भी जानी जाना जाता है। इन्हें सर्वाधिक आदिकालीन मानव कहा जाता है, क्योंकि विकास की प्रक्रिया में ये लोग सबसे पीछे रह गए हैं। ये लोग ज्यादातर शिकार पर ही निर्भर है। विकास की प्रक्रिया में बहुत पीछे रह जाने के कारण इन लोगों में कृषि,पशुपालन, स्थाई निवास, सामाजिक वर्ग,तकनीकी आदि सभी का अभाव पाया जाता है। 

पिग्मी जनजाति के कई वर्ग है, जो अफ्रीका के अलग-अलग क्षेत्रों में फैले हुए है किन्तु उनके बारे में हमारे पास बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। पिग्मियों का एक वर्ग जो मध्य अफ्रीका में निवास करता है के बारे में हमारे पास काफी जानकारी है और इस लेख में उसी के बारे में विस्तार से बताया गया है। 

कांगो बेसिन के पिग्मी (बत्वा) मुख्यतः मछली मारने और पशुओं को पकड़ने पर निर्भर है। ये मुख्यतः खानाबदोश, आखेटक और खाद्य संग्राहक जनजाति है। 


पिग्मी जनजाति का निवास क्षेत्र - Pygmy Tribe Habitat In Hindi 

पिग्मी जनजाति अफ्रीका के विभिन्न भागों में फैले हुए है और इन्हें पूर्वी पिग्मी, केंद्रीय और पश्चिमी पिग्मी वर्गों में विभाजित किया जाता है। 

  • अफ्रीका के पूर्वी पिग्मी जिन्हें 'मबूती' कहा जाता है, जायरे देश के इतुरी वन प्रदेश में निवास करते है। 
  • केंद्रीय पिग्मी 'बत्वा' कांगो गणराज्य फैले हुए है। 
  • पिग्मियों का पश्चिमी वर्ग 'बोन्गो' गैबान में निवास करता है। 

इस लेख में हम पिग्मियों के जिस वर्ग की बात करने वाले है वह हैं 'बत्वा' जो कांगो गणराज्य के क्षेत्र 'कांगो बेसिन' में निवास करता है। पिग्मियों का यह समूह जायरे की कीव झील के चारों ओर के मैदानों और उच्च पर्वतीय भागों तथा रवांडा-बुरुंडी में निवास करते हैं।


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पिग्मी जनजाति के निवास क्षेत्र का भौतिक पर्यावरण 

पिग्मी जनजाति छितरे हुए उष्णकटिबंधीय मध्य अफ्रीका (जायरे, कांगो, गैबान, कैमरून, रुवांडा और बुरुंडी) में निवास करते हैं। कांगो बेसिन का विस्तार विषुवत रेखा के दोनों ओर है, अतः यहाँ अधिक ऊँचे भागों छोड़कर तापमान निरंतर ऊंचाई के अनुपात में कम होता जाता है, जलवायु वर्षपर्यंत उष्ण और आर्द्र रहती है। इस प्रदेश में वर्षभर मासिक तापमान लगभग 27℃ रहता है और सालभर संवहनीय वर्षा होती है। प्रदेश में वर्षा का वार्षिक औसत 250 सेमी से अधिक रहता है। 


कांगो बेसिन की उष्ण और आर्द्र जलवायु के कारण यहाँ घने वन पाए जाते है और कांगो बेसिन विश्व के सर्वाधिक घने वनों में से एक है, यहाँ के वनों में सदाबहार चौड़ी पत्ती के वृक्ष पाए जाते है। यहाँ के वृक्षों की लंबाई काफी ज्यादा होती है जिस कारण सूर्य का प्रकश धरातल तक नहीं पहुंच पाता है। इन वनों से पिग्मी लोग अपनी जरूरत की कई वस्तुएं प्राप्त करते हैं जैसे कि बांस, सेमल की रूई, तेल, रबड़, लकड़ी और चमड़ा रंगने के लिए विभिन्न प्रकार के अर्क, औषधियों में कोकीन, कपूर आदि प्राप्त करते हैं।


पिग्मी जनजाति के प्रजातीय लक्षण - Pygmy Tribe

  • पिग्मीयों का कद छोटा होता है। पुरुषों की लंबाई 52 इंच से 58 इंच के बीच होती है।
  • स्त्रियों की सामान्य लंबाई 54 इंच होती है।
  • इनकी चमड़ी का रंग पीलापन अथवा ललाई लिए हुए भूरे रंग से गहरे भूरे रंग का होता है।
  • इनके जबड़े बाहर की ओर निकले हुए होते हैं।
  • नथुने चौड़े और नाक चपटी होती हैं।
  • आंखें बड़ी और बाल काले छल्लेदार ऊनी होते हैं।


भोजन और शिकार - Food and Hunting  

पिग्मियों का मुख्य कार्य शिकार करना और वनों से खाद्य वस्तु एकत्रित करना है। ये लोग अधिकतर छोटे शिकार ही करते हैं और साथ ही अनेक प्रकार के बेर, काष्ठ फल, पत्तियां कंद-मूल-फल और कीड़े-मकोड़ों को इकट्ठा करते हैं। 'रतालू' पिग्मियों का मुख्य भोजन है। भोजन सामग्री एकत्रित करने का कार्य स्त्रियां करती है। 


पिग्मी लोग शिकार करने के लिए वृक्ष की लचीली टहनियों से बने धनुष और विष लगे बाणों का इस्तेमाल करते हैं। तीर की नोक पर लगाया जाने वाला विष वृक्षों से निकाला जाता है और इन वृक्षों पर व्यक्तिगत अधिकार होता है। कुछ पिग्मी शिकार करने के लिए आपने साथ कुत्ता भी रखते हैं। ये लोग चूहे, गिलहरी, पक्षी, छिपकली, बंदर और जंगली सूअर आदि का शिकार करते हैं। पिग्मियों का आखेट अनियमित और केवल छोटे पशुओं तक ही सीमित रहता है। 

 

औजार - Tools

पिग्मियों के औजार बहुत ही साधारण और सीमित होते हैं। इनका मुख्य औजार लकड़ी से बने धनुष-बाण होते हैं। यह लोग बांस की फलक को आग में तपाकर कठोर बनाते है जो की बांस आदि को काट सकती है, इसकी धार काफी समय तक रहती है और इसकी सहायता से ये अपने औजारों को बनाते हैं।

पशुओं की अस्थियों को घिसकर ये लोग सुआ बना लेते है। ये पत्थर से बने औजारों का भी इस्तेमाल करते है, किन्तु वे सभी अविकसित होते है। 


वस्त्र - Clothes

कांगो बेसिन का धरातल कम ऊंचा होने और उष्ण, आर्द्र तथा तर जलवायु के कारण पिग्मियों को वस्त्रों की आवश्यकता नहीं होती है और इसी कारण बहुत से पिग्मी बिना वस्त्र के ही रहते हैं। पेड़ो की छाल और वनस्पति रेशो से बनी लूंगी अपने कूल्हे के चारो ओर लपेटे रखते है।


व्यापार - Pygmy Tribe Trade In Hindi 

पिग्मी लोग रात्रि में अपने बन्टु कृषक पड़ोसियों की बस्ती में जाकर, निश्चित स्थान पर पत्तियों में लपेटकर मांस रख देते हैं, दूसरे दिन उसी स्थान पर इनको इनकी आवश्यकता की कृषि उपज रखी मिलती हैं। उसे यह लोग उठा लाते हैं क्योंकि दोनों ओर के समूह एक-दूसरे की परंपरागत आवश्यकताओं को जानते हैं, और प्रत्येक सौदे में वस्तुओं का मूल्य बराबर होता है। व्यापार की इस पद्धति को 'मौन व्यापार' (Silent Trade) के नाम से जाना जाता हैं।


पिग्मी जनजाति का समाज और संस्कृति - Pygmy Tribe Social and Cultural Life In Hindi 

  • पिग्मियों की मूलभूत सामाजिक इकाई बहुत छोटी होती हैं, जिसमें 20 या इससे अधिक लोग होते है। ये लोग जंगलों में अस्थाई रूप में निवास करते है और घूमते रहते है। 
  • पिग्मी जनजाति में विवाह दलों में होते है और विवाह बहुधा बहनों के विनिमय के रूप में होते है। 
  • इन लोगों के धार्मिक विश्वासों का केंद्र जंगल होते हैं। 
  • इस जनजाति में ऊँची जन्म दर पाई जाती है किन्तु महामारियों के कारण मृत्यु दर भी काफी ज्यादा है जिस वजह से जनसंख्या में वृद्धि नहीं हो पाती हैं। 
  • पिग्मी महिलाएँ अत्यधिक कठोर परिश्रम करती है तथा कई बीमारियों से पीड़ित रहती है, इस कारण वे शारीरिक दृष्टि से कमजोर होती है और उनमें जीवन शक्ति की कमी रहती है। 


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